MSP Rate किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी एमएसपी रेट में बढ़ोतरी
MSP Rate Increase भारतीय किसानों के लिए गेहूं के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की गई है भारतीय कृषि जगत में वर्ष 2025-26 के अनुसार सरकार द्वारा नई एमएसपी रेट जारी की गई है, जो प्रत्येक फसल के लिए अलग-अलग निर्धारित की गई है।
इस वर्ष सभी प्रकार की फसलों के एमएसपी रेट में सकारात्मक बदलाव हुआ है जिसके कारण सभी किसानों को फसलों के समर्थन मूल्य एवं किसान को अपने उपज का उचित मूल्य मिलने में सहायता होगी एमएसपी रेट बढ़ने के कारण किसानों की आय में बढ़ोतरी एवं इसके साथ ही उत्साह के साथ अधिक खेती करने के लिए भी प्रोत्साहित होंगे।
क्या है MSP Rate
एमएसपी रेट केंद्र सरकार या राज्य सरकार द्वारा किसानों को उनकी फसल की खरीदारी हेतु न्यूनतम मूल्य निर्धारण किया जाता है इससे सरकार द्वारा किसानों की उपज के लिए एक निश्चित आय निर्धारित करने एवं उन्हें बाजार की कीमतों से अधिक कीमत में बेचने के लिए सहायक होती हैं।
भारत सरकार द्वारा कृषि लागत और मूल्य आयोग की सिफारिश के आधार पर बुवाई और मौसम की शुरुआत में फसलों के लिए एमएसपी रेट तय की जाती है जब किसानों की फसल की पैदावार अधिक होती है तो कई कारणों की वजह से बाजार में कीमत गिर जाती है इसलिए सरकारी एजेंसियों द्वारा किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य उपलब्ध करवाने के लिए एमएसपी रेट उपलब्ध करवाई जाती है एमएसपी रेट कुछ फसलों के लिए ही निर्धारित की जाती है जिसके कारण किसानों को उसकी फसल को अधिक उगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
कौन तय करता है एमएसपी रेट
किसानों के लिए एमएसपी रेट कृषि लागत और मूल्य आयोग द्वारा तय की जाती है एवं सीएसीपी कृषि और किसान कल्याण विभाग के तहत शामिल किया जाता है आयोग द्वारा उत्पादन लागत बाजार की कीमतों के रुझान मांग और आपूर्ति उपभोक्ताओं पर पड़ने वाले प्रभाव पर विचार करके संबंधित राज्य सरकार और केंद्रीय मंत्रालयों के सुझावों के आधार पर एमएसपी रेट तय की जाती है।
वर्तमान समय में सरकार द्वारा 23 प्रकार की फसलों के लिए एमएसपी रेट निर्धारित की जाती है जिनमें अनाज दालें तिल और व्यवसायिक फसले भी शामिल की गई है इसकी गणना सीएसीपी उत्पादन लागत बाजार की कीमतों और आपूर्ति विभिन्न फसलों की कीमतों में समानता और उपभोक्ता पर पड़ने वाले प्रभावों पर विचार किया जाता है।
गेहूं के लिए एमएसपी रेट में इस बार काफी बदलाव देखने को मिला है पिछले वर्ष गेहूं के लिए एमएसपी रेट 2275 प्रति क्विंटल से इस वर्ष ₹150 बढ़कर 2025-26 के विपणन वर्ष में 2425 रुपए प्रति क्विंटल कर दी गई है रबी की अन्य फसलों चना मसूर सरसों और कुसुम के लिए भी इस वर्ष सकारात्मक बदलाव देखने को मिला है इस बार सबसे ज्यादा एमएसपी रेट सरसों पर ₹300 प्रति क्विंटल की गई है।
रबी की फसलों के लिए MSP Rate
सरकार द्वारा इस वर्ष रबी की सभी फसलों के लिए एमएसपी रेट में बढ़ोतरी की गई है नई एमएसपी रेट इस प्रकार हैं:-
- गेहूं 2425 रुपए
- जो: 1980 रुपए
- चना: ₹5650
- दाल ₹6700
- सरसों तोरिया 5950 रुपए
- कुसुम 5940 रुपए
यह एमएसपी रेट प्रति क्विंटल के आधार पर निर्धारित की गई है अखिल भारतीय स्तर पर एसपी दरें विभिन्न राज्यों के परिवहन और अन्य शुल्कों के कारण अलग-अलग हो सकती हैं इसलिए संबंधित विभाग द्वारा आवश्यक जानकारी प्राप्त करें।
MSP Rate बढ़ोतरी का उद्देश्य
- किसानों की उपज का उचित मूल्य दिलवाने
- मूल्य में गिरावट से बचाना
- कृषि उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित करना
- खाद्यान्न एवं अन्य मुख्य फसलों को बढ़ावा देना
- किसानों की आय को स्थिर रखना
- फसलों के विविधीकरण को बढ़ावा देना
एमएसपी रेट पर कैसे खरीदारी होती है?
सरकार द्वारा कुछ एजेंसियों को चिन्हित किया जाता है जो किसानों से एमएसपी रेट पर फैसले खरीदनी है इसकी खरीद आमतौर पर मंडियों और खरीद केंद्रों पर की जाती है इसके अलावा अपनी फसल बेचने के लिए पंजीकरण करना होता है खरीदी गई फसलों का प्रयोग सार्वजनिक वितरण प्रणाली और अन्य कल्याणकारी योजनाओं में प्रयोग किया जाता है
यदि किसी फसल का मूल्य बाजार में एमएसपी रेट से अधिक है तो वह खुले बाजार में बेचने के लिए स्वतंत्रता होते हैं।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की आधिकारिक वेबसाइट
यह उपलब्ध करवाई गई एमएसपी रेट से संबंधित जानकारी आधिकारिक स्रोतों से प्राप्त करके सही एवं सटीक उपलब्ध करवाने का प्रयास किया गया है लेकिन समय-समय पर सरकार द्वारा एसपी दरों में बदलाव किया जाता है इसलिए आप आधिकारिक वेबसाइट पर चेक करते रहें।
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