बेरोजगारी भत्ता योजना:राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर शिक्षित लेकिन बेरोजगार युवाओं के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की जाती हैं। इन्हीं में से एक है बेरोजगारी भत्ता योजना, जिसका उद्देश्य ऐसे युवाओं को आर्थिक सहायता और कौशल विकास का प्रशिक्षण प्रदान करना है, जिनके पास किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से स्नातक या समकक्ष डिग्री है, परंतु वे अभी तक किसी भी रोजगार में संलग्न नहीं हैं। इस योजना का मकसद युवाओं को सशक्त बनाना और राज्य में बेरोजगारी को घटाना है।
इस योजना के अंतर्गत पात्र युवाओं को हर महीने आर्थिक मदद के साथ-साथ उनकी रुचि के अनुसार विविध क्षेत्रों में प्रशिक्षण भी दिया जाता है, जिससे वे स्वरोजगार शुरू कर सकें या किसी उपयुक्त नौकरी के लिए खुद को तैयार कर सकें।
मासिक सहायता और मुफ्त स्किल ट्रेनिंग
इस योजना के तहत योग्य युवाओं को हर महीने एक निश्चित राशि दी जाती है — महिलाओं को ₹4,500 और पुरुषों को ₹4,000 तक की मदद दी जाती है। यह आर्थिक सहयोग अधिकतम दो वर्षों तक दिया जा सकता है, यदि लाभार्थी सभी नियमों का पालन करता है। यह राशि डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से सीधा लाभार्थी के खाते में भेजी जाती है, ताकि प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे।
साथ ही, राज्य सरकार तीन महीने का निशुल्क स्किल ट्रेनिंग भी प्रदान करती है, जिसमें रोजाना 4 घंटे का प्रशिक्षण होता है। अभ्यर्थी अपनी पसंद के क्षेत्र — जैसे कि आईटी, मार्केटिंग, टेलीकॉम, बैंकिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स आदि — में प्रशिक्षण लेकर रोजगार के अवसर बढ़ा सकते हैं।
पात्रता शर्तें
आवेदक के पास किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से स्नातक डिग्री या समकक्ष डिप्लोमा होना चाहिए।
अधिकतम आयु 30 वर्ष निर्धारित की गई है।
पारिवारिक सालाना आय ₹2 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए।
उम्मीदवार पूरी तरह बेरोजगार होना चाहिए।
योजना का लाभ केवल राज्य के स्थायी निवासियों को मिलेगा।
आवेदन प्रक्रिया
इस योजना का आवेदन केवल ऑनलाइन माध्यम से किया जा सकता है। इसके लिए आवेदक को एसएसओ पोर्टल पर जाकर लॉगिन करना होगा और “बेरोजगारी भत्ता योजना” विकल्प का चयन करना होगा। आवेदन फॉर्म में सभी आवश्यक जानकारियाँ भरें और जरूरी दस्तावेज जैसे — आधार कार्ड, बैंक विवरण, शैक्षिक प्रमाणपत्र, निवास प्रमाण पत्र, फोटो और हस्ताक्षर — अपलोड करें। आवेदन जमा करने के बाद उसकी प्रति सुरक्षित रखें ताकि आगे जरूरत पड़ने पर काम आ सके।